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Friday, June 13, 2025

June 13, 2025

वरुड महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक फलता-फूलता संतरा केंद्र – एक विस्तृत और व्यापक लेख: About Warud Town Amravati District


वरुड महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक फलता-फूलता संतरा केंद्र – एक विस्तृत और व्यापक लेख: About Warud Town Amravati District 

परिचय:

महाराष्ट्र के अमरावती जिले के उपजाऊ मैदानों के बीच बसा वरुड (Warud) शहर सिर्फ एक भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि एक जीवनशैली और एक आर्थिक शक्ति का केंद्र है। अपने विशाल संतरे के बागानों के लिए प्रसिद्ध, इसे प्यार से "संतरा नगरी" (Orange City) के नाम से जाना जाता है। वरुड केवल एक कृषि केंद्र नहीं है; यह एक समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत, लगातार विकसित हो रहे शैक्षणिक संस्थानों, सुविधाजनक परिवहन सुविधाओं, पर्यटन स्थलों और स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करने वाले एक कृषि बाजार का घर है। यह अत्यंत व्यापक लेख वरुड शहर के हर पहलू को विस्तार से बताता है, जिसमें इसकी विशिष्टताएँ, ऐतिहासिक महत्व, शिक्षा प्रणाली, परिवहन सुविधाएँ, दर्शनीय स्थल, आर्थिक गतिविधियाँ, जीवनशैली, सामाजिक-सांस्कृतिक पहलू और भविष्य की संभावनाएँ शामिल हैं। हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपको वरुड शहर के बारे में गहरी और व्यापक समझ प्राप्त होगी।

About Warud Town Amravati District


वरुड शहर की विशिष्टता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

वरुड शहर की विशिष्टता इसकी भौगोलिक स्थिति, कृषि समृद्धि और समय के साथ इसके बढ़ते महत्व से गहराई से जुड़ी हुई है। विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिले में स्थित, वरुड कपास और सोयाबीन जैसी नकदी फसलों के लिए भी जाना जाता है, लेकिन संतरे की खेती में इसका कोई मुकाबला नहीं है। यहाँ की लाल-काली उपजाऊ मिट्टी (Red and Black Alluvial Soil), अनुकूल उपोष्णकटिबंधीय जलवायु (Sub-Tropical Climate), और पर्याप्त सिंचाई सुविधाएँ संतरे की खेती के लिए अत्यंत अनुकूल हैं।

नामकरण और इतिहास:

जबकि वरुड नाम की उत्पत्ति के बारे में कोई सटीक, लिखित ऐतिहासिक प्रमाण कम हैं, स्थानीय कथाओं और इतिहासकारों के शोध के अनुसार, यह क्षेत्र प्राचीन काल से मानव बस्तियों के लिए अनुकूल रहा है।

  मध्यकालीन इतिहास: मध्ययुगीन काल में यह क्षेत्र देवगिरी के यादवों, बहमनी सुल्तानों, बरार सल्तनत, मुगलों और मराठा शासकों के अधीन था। कृषि के दृष्टिकोण से यह क्षेत्र हमेशा एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

  ब्रिटिश प्रभाव: ब्रिटिश शासन के दौरान, रेलवे और सड़कों के विकास ने वरुड जैसे कृषि-आधारित शहरों के लिए नए रास्ते खोले। कृषि उत्पादों का बड़े बाजारों तक परिवहन आसान होने से संतरे की खेती को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिला। धीरे-धीरे, वरुड महाराष्ट्र में संतरे उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र बन गया।

  आधुनिक विकास: स्वतंत्रता के बाद, वरुड ने कृषि क्षेत्र में और विकास किया। कृषि अनुसंधान केंद्रों और सरकारी योजनाओं ने संतरे की खेती को और प्रोत्साहन दिया, जिससे वरुड को "संतरा नगरी" के रूप में अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली।

कृषि महत्व और निर्यात:

वरुड महाराष्ट्र की "संतरा बेल्ट" का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ उगाए जाने वाले "नागपुर संतरा" (Nagpur Santra) किस्म के संतरे अपने विशेष मीठे-खट्टे स्वाद, सुगंध और रसीले गूदे के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं।

  निर्यात क्षमता: ये संतरे भारत के विभिन्न राज्यों (जैसे मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद) में भेजे जाते हैं। इसके अलावा, मध्य पूर्व (दुबई, अबू धाबी), बांग्लादेश, नेपाल और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (सिंगापुर, मलेशिया) में भी इनका निर्यात होता है, जिससे देश को विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद मिलती है।

  विभिन्न प्रकार के फल: संतरे के अलावा, वरुड में नींबू, अंगूर, मौसंबी और अन्य खट्टे फल भी व्यापक रूप से उगाए जाते हैं। ये स्थानीय अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त मजबूती प्रदान करते हैं।

वरुड के शैक्षणिक संस्थान: ज्ञान का मार्ग और भविष्य निर्माण की नींव

वरुड शहर शिक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है, जो स्थानीय छात्रों के साथ-साथ आसपास के गाँवों से आने वालों को उच्च-स्तरीय शैक्षिक अवसर प्रदान करता है। यहाँ प्राथमिक स्तर से उच्च शिक्षा तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाले कई स्कूल और कॉलेज हैं। ये संस्थान छात्रों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

1. प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय (Primary and Secondary Schools):

वरुड में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में कई स्कूल हैं। ये छात्रों को एक मजबूत शैक्षिक नींव प्रदान करते हैं।

  शिक्षा का माध्यम: स्कूल मुख्य रूप से मराठी, अंग्रेजी और हिंदी माध्यम में शिक्षा प्रदान करते हैं, जिससे छात्रों को अपनी पसंद के अनुसार चयन करने की सुविधा मिलती है।

  पाठ्यक्रम:

    महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड (MSBSHSE): अधिकांश स्कूल राज्य बोर्ड पाठ्यक्रम का पालन करते हैं, जो स्थानीय भाषा, संस्कृति और इतिहास को प्राथमिकता देता है।

    सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE): कुछ निजी स्कूल सीबीएसई पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है और छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करता है।

  शिक्षा की गुणवत्ता और बुनियादी ढाँचा: ये स्कूल न केवल शैक्षणिक कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास पर भी जोर देते हैं। वे स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, पुस्तकालय, खेल के मैदान और प्रयोगशालाओं जैसी आधुनिक बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करते हैं। स्कूल खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों, इको-क्लब और नैतिक मूल्यों को भी प्राथमिकता देते हैं।

Thursday, June 12, 2025

June 12, 2025

कटोल इतिहास, संस्कृति, शिक्षा और कुशल परिवहन सुविधाओं का संगम: About Katol Town In Hindi


कटोल इतिहास, संस्कृति, शिक्षा और कुशल परिवहन सुविधाओं का संगम: About Katol Town In Hindi 


महाराष्ट्र के नागपुर जिले के केंद्र में, कटोल एक छोटा सा शहर है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध इतिहास, शांत वातावरण, शैक्षणिक महत्व और सुविधाजनक परिवहन सुविधाओं के लिए जाना जाता है। यह नागपुर शहर के पश्चिम में लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कटोल सिर्फ एक जगह नहीं है; यह संस्कृति, परंपराओं, प्राकृतिक वैभव, शैक्षिक विकास और आधुनिक सुविधाओं का एक अनूठा मिश्रण है। यह लेख आपको इस अनमोल रत्न का पता लगाने और इसकी विशिष्ट विशेषताओं को गहराई से समझने में मदद करेगा।
About Katol Town In Hindi


कटोल शहर: एक परिचय और महत्व


कटोल अपने शांत ग्रामीण परिवेश और जीवंत स्थानीय जीवन शैली के लिए प्रसिद्ध है। यह कभी एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र और ऐतिहासिक महत्व का स्थान था। आज, यह मुख्य रूप से कृषि, विशेष रूप से संतरे के उत्पादन का केंद्र है। कटोल चारों ओर हरे-भरे खेतों, छोटी पहाड़ियों और शांत वातावरण से घिरा हुआ है। यह आधुनिक शहरीकरण से दूर, शांतिपूर्ण जीवन की तलाश करने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है।

कटोल किस लिए प्रसिद्ध है? (Why is Katol Famous?)


कटोल की प्रसिद्धि इसकी कई अनूठी विशेषताओं से उपजी है:
  संतरे की राजधानी (Orange Capital): हालाँकि नागपुर को "संतरे का शहर" कहा जाता है, कटोल इस उपाधि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कटोल और इसके आसपास के क्षेत्र संतरे की खेती के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं। यहाँ उगाए जाने वाले संतरे अपनी मिठास, रंग और सुगंध के लिए जाने जाते हैं। यहाँ के संतरे देश के विभिन्न हिस्सों और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी निर्यात किए जाते हैं। संतरे के बाग कटोल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। संतरे के मौसम में (विशेष रूप से अक्टूबर से मार्च तक), कटोल के चारों ओर के बाग हरे पत्तों और नारंगी रंग के फलों से भरे हुए एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

  ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व (Historical and Archaeological Significance): 


कटोल में कई प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक संरचनाएं हैं, जो इसके समृद्ध अतीत को दर्शाती हैं। यह क्षेत्र विभिन्न राजवंशों के शासन में रहा है, जिसने इसकी स्थापत्य शैली और सांस्कृतिक विरासत पर एक स्पष्ट छाप छोड़ी है। यहाँ से प्राप्त पुरातात्विक साक्ष्य इस क्षेत्र की प्राचीनता को साबित करते हैं।
 * धार्मिक महत्व (Religious Importance): 
कटोल कई मंदिरों का घर है, जो स्थानीय लोगों और अन्य क्षेत्रों से आने वाले भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल के रूप में कार्य करते हैं। ये मंदिर केवल प्रार्थना स्थल ही नहीं, बल्कि कला, स्थापत्य शैली और आध्यात्मिकता के केंद्र भी हैं।
 

 अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य (Stunning Natural Beauty):


 कटोल का भूभाग साधारण कृषि भूमि के साथ-साथ कुछ छोटी पहाड़ियों, झीलों और हरे-भरे क्षेत्रों से मिलकर बना है। यह शांत दृश्य प्रदान करता है, जो फोटोग्राफी के शौकीनों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अनुकूल स्थान है।

 * शैक्षणिक केंद्र (Educational Hub):
 ग्रामीण क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद, कटोल शिक्षा को उच्च प्राथमिकता देता है। यहाँ प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्च शिक्षा संस्थानों तक कई शैक्षिक केंद्र हैं, जो स्थानीय और आसपास के क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।
 

कुशल परिवहन सुविधाएँ (Efficient Transportation Facilities): 


कटोल सड़क और रेल मार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जो स्थानीय लोगों, छात्रों और माल के परिवहन के लिए अत्यंत सुविधाजनक है।

कटोल में घूमने लायक स्थान (Places to Visit in Katol):

कटोल में कई आकर्षक स्थान हैं जो इस शहर की बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं:

  कल्याणी माता मंदिर (Kalyani Mata Mandir):


 यह कटोल के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह शहर के बाहर एक पहाड़ी पर बना हुआ है, जिसके चारों ओर हरा-भरा वातावरण और शांति है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। यहाँ दशहरा और नवरात्रि के उत्सव बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं, इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त यहाँ आते हैं।
 

Monday, June 9, 2025

June 09, 2025

चांदूर बाजार बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का समय विवरण Chandur Bazar bus stand all routes buses timings 

 चांदूर बाजार बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का समय विवरण Chandur Bazar bus stand all routes buses timings 



Chandur Bazar bus stand all routes buses timings



चांदूर बाजार बस स्टैंड प्लेटफार्म नंबर 1





चांदूर बाजार बस स्टैंड प्लेटफार्म नंबर 2



Sunday, June 8, 2025

June 08, 2025

अमरावती शहर: विदर्भ का प्रवेश द्वार - 20 अद्भुत पर्यटन स्थल, Amravati City Top 20 Best Tourist places

 अमरावती शहर: 20 अद्भुत पर्यटन स्थल, Amravati City Top 20 Best Tourist places 

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में स्थित अमरावती शहर, इतिहास, आध्यात्मिकता, शिक्षा और प्राकृतिक सौंदर्य का एक अनूठा संगम है। यह शहर अपने प्राचीन मंदिरों, शांत झीलों, शैक्षिक केंद्रों, हरे-भरे उद्यानों और ऐतिहासिक इमारतों के साथ पर्यटकों को आकर्षित करता है। "देवताओं का शहर" के रूप में जाना जाने वाला अमरावती, महाराष्ट्र के पश्चिमी द्वार के रूप में खड़ा है।

चाहे आप आध्यात्मिक शांति की तलाश में हों, इतिहास की खोज करना चाहते हों, या परिवार के साथ एक मजेदार समय बिताना चाहते हों, अमरावती आपको कई विकल्प प्रदान करता है। इस व्यापक मार्गदर्शिका में, हम अमरावती और उसके आसपास के 20 अवश्य घूमने लायक पर्यटन स्थलों के बारे में संक्षिप्त, लेकिन पूरी जानकारी प्रदान कर रहे हैं। प्रत्येक स्थान का महत्व, वहां क्या करना है, कैसे पहुंचना है, प्रवेश शुल्क (यदि लागू हो तो स्पष्ट अनुमान के साथ), और यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय जैसी जानकारी आपकी यात्रा को आसान बनाएगी।

Amravati City Top 20 Best Tourist places


अमरावती शहर में घूमने के लिए 20 सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थल:

1. अंबादेवी मंदिर (Ambadevi Temple)

महत्व: यह अमरावती शहर का सबसे पुराना और पवित्र मंदिर है, जिसके नाम पर ही शहर का नाम पड़ा है। दुर्गा देवी को समर्पित यह मंदिर विदर्भ के महत्वपूर्ण शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। किंवदंती है कि भगवान कृष्ण ने अपनी प्रेमिका रुक्मिणी का अपहरण यहीं से किया था।

क्या करें: दुर्गा देवी के दर्शन करें और प्रार्थना करें। मंदिर की वास्तुकला और शांत वातावरण का आनंद लें। नवरात्रि उत्सव के दौरान यहां विशेष रौनक होती है।

कैसे पहुंचें: शहर के मुख्य बाजार क्षेत्र में स्थित है। ऑटो, रिक्शा आसानी से उपलब्ध हैं।

प्रवेश शुल्क: कोई नहीं।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च तक। नवरात्रि (लगभग सितंबर-अक्टूबर) के दौरान विशेष अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

2. एकवीरा देवी मंदिर (Ekvira Devi Temple)

महत्व: अमरावती शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर, पहाड़ियों की तलहटी में स्थित एकवीरा देवी मंदिर, शक्ति देवी के एक अन्य रूप, एकवीरा देवी को समर्पित है। यह मंदिर अपने शांत वातावरण और आसपास की हरियाली के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थानीय लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।

क्या करें: देवी के दर्शन करें और प्रार्थना करें। आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें।

कैसे पहुंचें: अमरावती बस स्टैंड से स्थानीय बसें या साझा ऑटो उपलब्ध हैं।

प्रवेश शुल्क: कोई नहीं।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च तक। मानसून (जुलाई-सितंबर) में आसपास का क्षेत्र और भी हरा-भरा और सुंदर होता है।

3. वडाली तालाब (Wadali Talav)

महत्व: अमरावती शहर में स्थित एक सुंदर कृत्रिम झील है। यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए आराम करने, शाम बिताने और विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। झील के चारों ओर अच्छी तरह से रखरखाव वाले हरे-भरे पार्क, पैदल मार्ग और नौकायन की सुविधा है।

क्या करें: झील में नौकायन का आनंद लें (पैडल बोट और मोटर बोट)। झील के चारों ओर पैदल मार्गों पर जॉगिंग या आराम से टहलें। शाम को ताजी हवा का आनंद लेते हुए समय बिताएं।

कैसे पहुंचें: अमरावती शहर के भीतर ही मुख्य क्षेत्र में स्थित है। ऑटो, रिक्शा, कैब आसानी से उपलब्ध हैं।

प्रवेश शुल्क: झील के चारों ओर चलने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। नौकायन के लिए नाममात्र का शुल्क (लगभग रु. 50-100 प्रति व्यक्ति 30 मिनट के लिए, नाव के प्रकार के आधार पर भिन्न होता है) लगता है।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: पूरे साल, खासकर शाम को (शाम 4 बजे - 7 बजे) मौसम सुहावना होता है।

4. छत्री तालाब (Chhatri Talab)

महत्व: वडाली तालाब के पास स्थित एक और महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक झील है। इस झील के चारों ओर कई ऐतिहासिक संरचनाएं और छोटे मंदिर हैं, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को बढ़ाते हैं। यह वडाली तालाब जितना व्यस्त नहीं है, इसलिए अधिक शांत वातावरण प्रदान करता है।

क्या करें: झील के चारों ओर टहलें। ऐतिहासिक संरचनाओं और मंदिरों का अन्वेषण करें।

कैसे पहुंचें: अमरावती शहर में वडाली तालाब के करीब स्थित है। ऑटो, रिक्शा आसानी से उपलब्ध हैं।

प्रवेश शुल्क: कोई नहीं।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च तक।

5. गुरुकुंज आश्रम (Gurukunj Ashram), मोजारी

महत्व: अमरावती शहर से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर स्थित गुरुकुंज आश्रम, प्रसिद्ध संत, दार्शनिक और समाज सुधारक राष्ट्रीय संत तुकड़ोजी महाराज की पवित्र समाधि (समाधि स्थल) है। यह महाराष्ट्र के कोने-कोने से लाखों भक्तों को आकर्षित करने वाला एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है। आश्रम में एक संग्रहालय भी है जो राष्ट्रीय संत तुकड़ोजी महाराज के जीवन और शिक्षाओं को दर्शाता है।

क्या करें: समाधि के दर्शन करें और प्रार्थना करें। आश्रम के शांत वातावरण और संग्रहालय का अन्वेषण करें।

कैसे पहुंचें: अमरावती सेंट्रल बस स्टैंड से मोजारी के लिए सीधी बसें या निजी टैक्सी उपलब्ध हैं।

प्रवेश शुल्क: कोई नहीं।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: अक्टूबर से मार्च तक। राष्ट्रीय संत तुकड़ोजी महाराज की जयंती और पुण्यतिथि (विशेषकर अक्टूबर के अंत/नवंबर की शुरुआत में) के दौरान विशेष कार्यक्रम और उत्सव होते हैं।

6. महामृत्युंजय मंदिर (Mahamrityunjay Temple)

महत्व: अमरावती शहर में स्थित एक प्रमुख शिव मंदिर है, जो लोगों की आस्था का केंद्र है। यह मंदिर शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। महाशिवरात्रि और अन्य पवित्र दिनों में यह मंदिर भक्तों से खचाखच भरा रहता है।

क्या करें: शिवजी के दर्शन करें और प्रार्थना करें। मंदिर परिसर में कुछ देर शांति से बैठें।

कैसे पहुंचें: अमरावती शहर में आसानी से पहुंचा जा सकता है। ऑटो, रिक्शा उपलब्ध हैं।

प्रवेश शुल्क: कोई नहीं।

यात्रा का सर्वोत्तम समय: पूरे साल, खासकर महाशिवरात्रि और श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में।

June 08, 2025

अमरावती बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का समय विवरण Amravati bus stand all routes buses timings

 अमरावती बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का समय विवरण : Amravati bus stand all routes buses timings 



अमरावती बस स्टैंड से सभी  Amravati bus stand all routes buses timings



अमरावती बस स्टैंड प्लेटफार्म नंबर 1






अमरावती बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का टाइमिंग्स टेबल






अमरावती बस स्टैंड प्लेटफार्म नंबर 2




June 08, 2025

परसिवनी बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का समय विवरण : Parsivni bus stand all routes buses timings

 

 परसिवनी बस   स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का समय विवरण : Kamptee bus stand all routes buses timings 


:Parshivni bus stand all routes buses timings



पारशिवनी बस स्टैंड प्लेटफार्म नंबर 1








पारशिवनी बस स्टैंड प्लेटफार्म नंबर 2






Saturday, June 7, 2025

June 07, 2025

खापा बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का समय विवरण Khapa bus stand all routes buses timings

 खापा बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का समय विवरण Khapa bus stand all routes buses timings 


Khapa bus stand all routes buses timings





खापा बस स्टैंड प्लेटफार्म नंबर 1





खापा बस स्टैंड प्लेटफार्म नंबर 2







खापा बस स्टैंड से सभी रूटों पर जाने वाली बसों का टाइमिंग्स टेबल